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ट्राई के नए नियम: अगर आपके मोबाइल में नेटवर्क बाधित हुआ तो कंपनियों को होगा १ लाख से १० लाख तक का हर्जाना, नए नियम जारी किए


ट्राई के नए नियम: अगर आपके मोबाइल में नेटवर्क बाधित हुआ तो कंपनियों को होगा १ लाख से १० लाख तक का हर्जाना, नए नियम जारी किए

खेत खजाना : नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने हाल ही में मोबाइल, ब्रॉडबैंड और टेलीफोन सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर नए नियम लागू किए हैं। इन नए नियमों के अनुसार, अगर किसी जिले में मोबाइल नेटवर्क 24 घंटे के लिए बाधित रहता है, तो दूरसंचार कंपनियों को ग्राहकों को हर्जाना देना होगा। ये नियम 6 महीनों के बाद लागू होंगे और इसके तहत जुर्माना राशि 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है।

नए नियमों के तहत जुर्माना और हर्जाना

सेवा बाधित होने पर जुर्माना: ट्राई के नए नियमों के अनुसार, यदि किसी जिले में नेटवर्क या सेवा 12 घंटे से अधिक समय के लिए बाधित रहती है, तो कंपनियों को ग्राहकों की वैलिडिटी एक दिन बढ़ानी पड़ेगी। इसके अतिरिक्त, नेटवर्क या सेवा में खराबी के मामलों में जुर्माना 1 लाख रुपये से शुरू होकर 10 लाख रुपये तक जा सकता है, जो नियमों के उल्लंघन की गंभीरता पर निर्भर करेगा।

प्राकृतिक आपदाओं का अपवाद: प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में सेवा बाधित रहने पर वैधता विस्तार की अवधि नहीं गिनी जाएगी। इस तरह की आपदाओं में कंपनियों को राहत की अनुमति दी गई है।

ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए नियम: ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं को भुगतान मिलने के 7 दिनों के भीतर 98% कनेक्शन को सक्रिय करना होगा। इसके अलावा, फिक्स्ड-लाइन सेवा प्रदाताओं को नेटवर्क या सेवा में खराबी के तीन दिन बाद मुआवजा देना होगा।

सेवा कवरेज मानचित्र: कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर सेवा-वार (2G, 3G, 4G, 5G) भौगोलिक कवरेज के नक्शे देने होंगे ताकि ग्राहकों को नेटवर्क कवरेज की स्पष्ट जानकारी मिल सके।

जुर्माना की श्रेणी
नियम उल्लंघन की श्रेणी जुर्माना राशि
सामान्य सेवा बाधित 50,000 रुपये
गंभीर सेवा बाधित 1 लाख रुपये
अत्यधिक गंभीर सेवा बाधित 2 लाख रुपये
बहुत गंभीर सेवा बाधित 5 लाख रुपये
अत्यंत गंभीर सेवा बाधित 10 लाख रुपये

राहत और सुधार की दिशा
ट्राई के इन नए नियमों से दूरसंचार कंपनियों को सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए मजबूर किया जाएगा और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जाएंगी। ये नियम न केवल ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करेंगे बल्कि दूरसंचार सेवाओं के क्षेत्र में एक नई पारदर्शिता लाएंगे।

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